Interesting facts about Death Penalty in India Hindi – फांसी की सजा के बारे में रोचक ज्ञान
प्राचीन काल में अपराधियोँ को दण्ड देने के लिये फांसी की सजा दी जाती थी। अरब देशोँ में फांसी बहुत सामान्य सजा है, लेकिन हमारे देश के दंड विधान में फांसी की सजा सबसे बड़ी सजा है।
भारत में किसी भी दोषी को फांसी पर चढ़ाए जाने के पहले लंबी प्रक्रिया होती है। फांसी की सजा सुनाये जाने से लेकर फांसी दिए जाने तक अनेक नियम-कानूनों का सामना करना पड़ता है।
फांसी की सजा से जुड़ी कई रोचक बातें हैं। फांसी के बारे में नीचे दी गई फैक्ट्स पढ़ लीजिये। (Interesting Facts about Hanging in Hindi)
फांसी की सजा के बारे में रोचक ज्ञान (Interesting facts about Death Penalty in India hindi)
1. सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश के मुताबिक जिसे मौत की सजा दी जाती है उसके रिश्तेदारों को कम से कम 15 दिन पहले खबर मिल जानी चाहिए ताकि वो आकर मिल सकें।
2. फांसी से पहले कैदी की आखिरी इच्छा पूँछी जाती है। आखिरी इच्छा में कोई विशेष धर्मग्रन्थ पढ़ना, कोई विशेष व्यंजन खाना या अपने परिजनों से मिलना शामिल होता है।
3. आपको बता दे की, फांसी का फंदा जेल में सजा काट रहे कैदी ही तैयार करते हैं और उसी से उनको सजा दी जाती है।
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4. फांसी का फैसला जिस पेन से लिखा जाता है, फैसला लिखने के पश्चात उसकी निब जज द्वारा तोड़ दी जाती है।
5. डेथ वारंट से फांसी होने तक दोषी कैदियों की लगातार काउंसलिंग की जाती है। उन्हें सादा खाना और एक जोड़ी कपड़े मिलते हैं। अगर वे चाहें तो धार्मिक ग्रंथों का पाठ भी सुन सकते हैं।
6. फांसी देने के समय सजायाफ्ता अपराधी के अतिरिक्त जेल अधीक्षक, मजिस्ट्रेट, डॉक्टर और जल्लाद मौजूद रहते हैं। इनकी उपस्थिति के बिना फांसी नहीं दी जा सकती।
7. डेथ वारंट जारी होने के बाद जेल प्रशासन का काम होता है कैदियों को मानसिक रूप से मौत के लिए तैयार करना। उन्हें एक अलग कोठरी में शिफ्ट किया जाता है और उनकी लगातार निगरानी की जाती है।
8. फांसी सदैव सूर्योदय से पहले दी जाती है।
9. फांसी देने के लिए विशेष रस्सी का इंतजाम किया जाता है। यह रस्सी सिर्फ बिहार की बक्सर जेल में बनती है और इसे ‘मनीला रोप’ कहा जाता है।
10. फांसी से पहले मुजरिम के चेहरे को काले सूती कपड़े से ढक दिया जाता हैं और 10 मिनट के लिए फांसी पर लटका दिया जाता हैं फिर डॉक्टर फांसी के फंदे में ही चेकअप करके बताता हैं कि वह मृत है या नहीं उसी के बाद मृत शरीर को फांसी के फंदे से उतारा जाता हैं।
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11. फांसी होने से पहले फांसी की रस्सी को चेक किया जाता है। फिर उस रस्सी के साथ एक डमी फांसी दी जाती है, जिसमें फांसी पाए दोषी के शरीर के वजन से डेढ़ गुना ज्यादा वजन का डमी पुतला तैयार किया जाता है।
12. फांसी से पहले कैदी के चेहरे को काले कपड़े से ढक दिया जाता है और फांसी पर लटका दिया जाता है।
13. फांसी के फंदे की मोटाई को लेकर भी मापदंड तय है. फंदे की रस्सी डेढ़ इंच से ज्यादा मोटी रखने के निर्देश हैं. इसकी लंबाई भी तय हैं।
14. फांसी देने से पहले रस्सी पर मोम या मक्खन लगाया जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है कि यह गर्दन को छीले नहीं बल्कि आराम से दबाव बनाए और साथ ही फंदे के लिए लगाई गई गांठ कहीं अटके नहीं।
15. फांसी देने से पहले जल्लाद मरने वाले से माफ़ी मांगता है।
16. हमारे देश में दुर्लभतम मामलों में मौत की सजा दी जाती है. अदालत को अपने फैसले में ये लिखना पड़ता है कि मामले को दुर्लभतम (रेयरेस्ट ऑफ द रेयर) क्यों माना गया ?
17. फांसी देते वक्त सब काम इशारों में ही होता है ताकि कैदी विचलित न हो। फांसी के बाद चिकित्सक शव की जांच करके मौत की पुष्टि करते हैं।
फांसी अन्य फैक्ट्स – Hanging other facts
18. भगत सिंह को फांसी की सजा सुनाने वाला न्यायाधीश जी.सी. हिल्टन था।
19. चीन में Panda को मार दिया, तो सीधी फांसी होगी।
20. नेपाल एशिया का पहला देश है जहाँ समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता दी गई. यहां फांसी की सजा भी न दिए जाने का प्रावधान हैं।
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21. फांसी देने के बाद आदमी का लिंग सख्त हो जाता है और कभी-कभी तो मरने के बाद इससे वीर्य स्खलन भी हो जाता हैं।
22. आतंकवादी संगठनो के सदस्यों को फांसी देने पर उनको मोटी फीस दी जाती हैं जैसे इंदिरा गांधी के हत्यारों को फांसी देने पर जल्लाद को 25,000 रूपए दिए गए थे।
24. फाँसी के फंदे की कीमत बेहद कम हैं।
तो आज हमने फांसी की सजा (Interesting facts about Death Penalty in India) के बारे में कुछ तथ्य जान लिए है।
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